विशेषण के कितने भेद होते हैं ? – Visheshan Ke Kitne Bhed Hote Hain

Visheshan Ke Kitne Bhed Hote Hain :-  विशेषण के भेदों को चार भागों में वर्गीकृत किया गया है।

  1. संख्यावाचक विशेषण
  2. सार्वनामिक विशेषण
  3. गुणवाचक विशेषण
  4. परिणाम वाचक विशेषण

1. संख्यावाचक विशेषण

संख्यावाचक विशेषण वह होता है जो संख्या का बोध कराता है। अर्थात जिस वाक्य में विशेषण शब्द से संख्या का बोध हो रहा हो, वह संख्यावाचक विशेषण कहलाएगा।

सरल शब्दों में, किसी वाक्य में विशेषण वह शब्द होगा जिससे संज्ञा या सर्वनाम शब्द की निश्चित या अनिश्चित संख्या क्रम या गणना का बोध हो।

उदाहरण, उसके पास चार किताबें हैं।

यहां पर किताबें संज्ञा है और यहां पर 4 संज्ञा की विशेषता बतला रहा है। इसका अर्थ यह होगा कि इस वाक्य में “चार” संख्यावाचक विशेषण है।

संख्या वाचक विशेषण को भी दो भागों में बांटा गया है।

  1. निश्चित संख्यावाचक विशेषण वह होता है जो किसी वाक्य में संज्ञा या सर्वनाम शब्द की निश्चित संख्या का बोध करवाता है। से तीन लड़के, दो कुर्सी, 5 विद्यार्थी इत्यादि। यहां पर हम किसी भी संज्ञा का एक निश्चित संख्या पता कर सकते हैं। जैसे 3,2,5 इत्यादि।
  2. अनिश्चित संख्यावाचक विशेषण वह होता है जो किसी वाक्य में संज्ञा या सर्वनाम शब्द की निश्चित संख्या का बोध करवाता हो। जैसे – कुछ लड़के, कई लड़कियां, बहुत से छात्र, इत्यादि।

यहां पर हम यह नहीं पता कर सकते की यहां पर कितने लड़के, लड़कियां या छात्र उपस्थित हैं। साथ ही यहां पर कुछ, कई और बहुत अनिश्चित संख्यावाचक विशेषण है।

2. सार्वनामिक विशेषण

सर्वनामिक विशेषण सर्वनाम होते हैं। यानी कि कुछ ऐसे सर्वनाम शब्द जो संज्ञा या सर्वनाम शब्द की विशेषता बताते हो सर्वनामिक विशेषण कहलाते हैं। अर्थात कुछ ऐसे सर्वनाम शब्द भी होते हैं, जो सर्वनाम होते हुए भी दूसरे सर्वनाम या संज्ञा शब्द की विशेषता बतलाते हैं।

इसलिए इन्हें सार्वनामिक विशेषण कहा जाता है। सार्वनामिक विशेषण को संकेतवाचक विशेषण भी कहते हैं।

अगर हम आपको यह भी बता दें कि पुरुषवाचक सर्वनाम और निजवाचक सर्वनाम के अलावा अन्य सभी सर्वनाम विशेषण के रूप में कार्य कर सकते हैं।

सार्वनामिक विशेषण को पहचानने का एक यह तरीका है कि जब सर्वनाम संज्ञा के साथ आ रहा है तो सर्वनामिक विशेषण कहलाएगा। और जब कोई सर्वनाम के अकेला हो तो वह सर्वनाम ही कहलाता है।

उदाहरण, यह मेरा विद्यालय है।, वह मेरी किताब है।

यहाँ “यह और वह” सर्वनामिक विशेषण है।

3. गुणवाचक विशेषण

जब किसी वाक्य में संज्ञा या सर्वनाम शब्दों के गुण, दोष, आकार, दशा, स्वाद, रंग, समय, ध्यान इत्यादि चीजों का बोध हो तो वह गुणवाचक विशेषण कहलाता है।

उदाहरण,  सीता डरपोक है। वह आदमी मोटा है।

यहां पर डरपोक और मोटा गुणवाचक विशेषण है।

4. परिणाम वाचक विशेषण

जब किसी वाक्य में संज्ञा या सर्वनाम शब्दों की मात्रा, नाप, परिणाम, तोल आदि का बोध हो तो वह परिणाम वाचक विशेषण कहलाता है।

उदाहरण, वह लड़की परीक्षा में 100% अंक लाती है। यहां पर 100% परिणाम वाचक विशेषण है।


FAQ’S :

प्रश्न 1विशेष्य किसे कहते हैं ?

उत्तर – विशेषण शब्द जिस संज्ञा या सर्वनाम की विशेषता बतलाता है वह शब्द विशेष्य कहलाता है।

प्रश्न 2प्रविशेषण किसे कहते हैं ?

उत्तर – जो शब्द विशेषण शब्द की विशेषता बताते हैं वह प्रविशेषण कहलाता है। जैसे बहुत सुंदर फूल में बहुत प्रविशेषण है।

प्रश्न 3प्रयोग के आधार पर विशेषण के भेद कितने होते हैं ?

उत्तर – प्रयोग के आधार पर विशेषण के दो भेद होते हैं उद्देश्य विशेषण और विधेय विशेषण।


अंतिम विचार

आज के इस लेख में हमने आपको बताया, कि Visheshan Ke Kitne Bhed Hote Hain ?

उम्मीद है, कि इस लेख के माध्यम से आपको विशेषण के बारे में सभी तरह की जानकारियां मिल पाई होंगी। इसके अलावा यदि आपके मन में इस लेख से संबंधित कोई भी प्रश्न है तो कमेंट बॉक्स में कॉमेंट कर के पूछ सकते हैं।


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