सूरज धरती से कितना दूर है ? – Suraj Dharti Se Kitna Dur Hai

Suraj Dharti Se Kitna Dur Hai :- पहले जब विज्ञान नहीं था, तब हमें यह जानकारी नहीं थी, कि अंतरिक्ष नामक भी कोई चीज होती है।

लेकिन आज विज्ञान की मदद से हम केवल अंतरिक्ष को ही नहीं बल्कि अंतरिक्ष में पृथ्वी के अलावा अन्य ग्रहों के बारे में भी जान पाए हैं, जिसमें से एक ग्रह सूरज भी है।

पृथ्वी सूरज के चारों ओर घूमती रहती है और सूरज के वजह से ही पृथ्वी पर रोशनी भी आती है, लेकिन आज भी कई लोग ऐसे हैं, जो नहीं जानते कि Suraj Dharti Se Kitna Dur Hai और किस तरह से सूरज पृथ्वी को रोशनी देता है।

तो चलिए आज के इस लेख के माध्यम से हम जानते हैं, कि Suraj Dharti Se Kitna Dur Hai और वैज्ञानिकों द्वारा सूरज के पास पहुंचने और उससे संबंधित अन्य जानकारियां हासिल करने के लिए क्या प्रयास किया जा रहा है।


सूरज धरती से कितना दूर है ? | Suraj Dharti Se Kitna Dur Hai

सूरज धरती से लगभग 149,597,870 किलोमीटर दूर है। लेकिन फिर भी सूरज की रोशनी धरती तक पहुंचती है और धरती को उजाला देती है।

यदि हम बात करें सूरज और धरती के बीच में कितने मील की दूरी है तो सूरज धरती से 92,955,807 मील की दूरी पर है। धरती से सूरज की औसत दूरी को खगोलीय इकाई अर्थात एस्टॉनोमिकल यूनिट या UAE के नाम से जानते हैं।


सूरज की रोशनी धरती पर पहुंचने में कितना समय लगाती है ?

अब आपने यह तो जान लिया, कि सूरज धरती से कितना दूर है परंतु क्या आप यह जानते हैं, कि सूरज की रोशनी धरती पर कितने समय में पहुंचती है। तो हम आपको यह बता दे कि सूरज की रोशनी धरती तक 8 मिनट और 16.6 सेकेंड में पहुंचती है।

जब सूरज की रोशनी धरती पर आती है तभी धरती पर सूरज की किरणों से जैव रासायनिक प्रक्रिया पूरी होती है जिसके कारण आज हम धरती पर जीवित रह सकते हैं।

यानी कि इन सूरज की किरणों से जो जैव रासायनिक प्रक्रिया पूरी होती है उसी के कारण ही धरती पर जीवन संभव है।


पृथ्वी कितने दिनों में सूरज का चक्कर पूरा करती है ?

यदि हम बात करें, कि पृथ्वी यानी धरती कितने दिनों में सूरज का चक्कर पूरा कर लेती है तो पृथ्वी कुल 365 दिन 5 घंटे 48 मिनट और 46 सेकेंड में सूर्य का पूरा चक्कर लगाती है।

पृथ्वी के घूमने से ही यह तय होता है, कि पृथ्वी पर कितने समय दिन होगा और कितने समय रात होगी। पृथ्वी द्वारा जो सूरज का चक्कर लगाया जाता है, उसे वार्षिक गति कहते हैं।

पृथ्वी सूरज का चक्कर लगाने के साथ-साथ अपने अक्ष पर भी चक्कर लगाती है यानी कि घूमती है। और इसी से धरती पर पूरे 24 घंटे पूरे होते हैं। यानी कि पृथ्वी पूरे 24 घंटे में अपने अक्ष का चक्कर पूरा करती है।

अक्ष पर घूमते हुए पृथ्वी का जो हिस्सा सूरज के सामने होता है उस हिस्से में दिन होता है और जो हिस्सा पीछे की तरफ होता है उस हिस्से में रात होती है। पृथ्वी जब अपने अक्ष पर घूमती है तो इसे पृथ्वी की दैनिक गति कहते हैं।


वैज्ञानिक ग्रहों के बीच की दूरी कैसे मापते हैं ?

आपके मन में यह प्रश्न जरूर उठता होगा, कि वैज्ञानिक किस तरह से ग्रहों के बीच की दूरी पता लगा लेते हैं और क्या यह बताई गई दूरी सही है या नहीं ? तो चलिए हम जानते हैं, कि किस तरह से वैज्ञानिकों द्वारा ग्रहों के बीच की दूरी पता लगाया जाता है।

वैज्ञानिकों द्वारा ग्रहों की बीच की दूरी को नापने के लिए कुछ चीजें देखी जाती हैं जैसे सबसे पहला जिस ग्रह से दूरी नापनी है वह ग्रह कितना गर्म है और कितना चमक रहा है।

इसके साथ वैज्ञानिक कुछ Formula का निर्माण करते हैं जिनके माध्यम से वह एक ग्रह से दूसरे ग्रह की बीच की दूरी को नापते हैं। धरती से सूरज की दूरी नापने के लिए सबसे पहले धरती के घूमने से संबंधित जानकारी प्राप्त करनी होगी।

उसके बाद यह देखा जाएगा कि पृथ्वी किस गति से सूरज का चक्कर लगा रही है और कितने समय में अपने किस अक्ष पर पहुंच रही है। जैसे पहले यह देख लिया जाएगा कि आज पृथ्वी सूरज से कितनी दूरी पर है और कौन से अक्ष पर है।

उसके बाद हम पृथ्वी से सूरज की दूरी का एक सीधा लाइन खींच लेंगे फिर कुछ समय बाद यह देखा जाएगा कि अब पृथ्वी सूरज के किस दिशा और किस अक्ष पर है और फिर से हम पृथ्वी से सूरज की दूरी तक की एक लाइन खींच लेंगे।

अब लाइन खींचने पर उस लाइन के माध्यम से वैज्ञानिकों को एक कोड प्राप्त होगा और एक आकार प्राप्त होगा जिसके माध्यम से वह पता लगा सकते हैं कि पृथ्वी सूर्य से कितना दूर है या फिर कोई अन्य ग्रह दूसरे ग्रह से कितना दूरी पर है।


सूरज धरती से कितना बड़ा है ?

सूरज पूरे सौरमंडल का सबसे ज्यादा गर्म तारा है, इसलिए जो भी देश सूरज के सबसे करीब होता है वहां के लोग अक्सर काले होते हैं जैसे कि साउथ अफ्रीका या या वेस्टइंडीज के लोग बहुत ही काले होते हैं, क्योंकि वह देश सूरज के सबसे करीब होता है जिसके कारण वहां पर सूरज की रोशनी सीधे पड़ती है।

तो आप समझ सकते हैं, कि सूरज कितना गर्म और कितना बड़ा होगा जब की धरती से सूरज की दूरी लगभग 15 करोड़ किलोमीटर की है।

सूर्य का व्यास 1390000 किलोमीटर का है जोकि पृथ्वी से यानी धरती से 109 से लेकर 110 गुना बड़ा है। हम यह कह सकते हैं कि सूरज धरती से 110 गुना बड़ा है।


निष्कर्ष :

आज के इस लेख में हमने आपको बताया, कि Suraj Dharti Se Kitna Dur Hai ?

उम्मीद है, कि इस लेख के माध्यम से आपको सूरज और धरती से संबंधित अन्य चीजें भी पता चल पाई होंगी। यदि आपको इस लेख से संबंधित कोई प्रश्न पूछना है तो आप हमें कमेंट बॉक्स में कॉमेंट कर के पूछ सकते हैं।


FAQ’S :

प्रश्न 1सूरज घूमता है क्या ?

उत्तर - जी हां जैसे सभी ग्रह अपने अक्ष पर घूमते हैं उसी तरह सूरज भी एक तारा है और वह अपने अक्ष पर घूमता है और अपने अक्ष पर घूमने में वह 25 दिन का समय लगाता है।

प्रश्न 2सूरज चांद से कितनी दूरी पर है ?

उत्तर - सूरज चांद से 150 150 मिलियन किलोमीटर की दूरी पर है।

प्रश्न 3सूरज की पहली किरण कहां पड़ती है ?

उत्तर - सूरज की सबसे पहली किरण धरती पर भारत देश में अरुणाचल प्रदेश के दांग शहर में पढ़ती है।

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