Purnank Sankhya Kise Kahate Hain : गणित में पूर्णांक धनात्मक और ऋणात्मक संख्याओं का एक संग्रह होता है। जिसमें कोई भी पूर्ण संख्या शामिल होती है। पूर्णांकों के आधार पर ही अंकगणित के सभी सवाल हल हो पाते हैं। इसलिए जब तक विद्यार्थियों को पूर्णांक संख्याओं के बारे में सही ढंग से जानकारी नहीं होगी, तब तक वह ऐसे प्रश्न हल नहीं कर पाएंगे।
आइए, हम आपको इस लेख के माध्यम से बताते हैं, कि Purnank Sankhya Kise Kahate Hain ? और साथ ही हम आपको पूर्णांक संख्या के कुछ उदाहरण और नियम भी बताएँगे।
पूर्णांक संख्या किसे कहते हैं ? – Purnank Sankhya Kise Kahate Hain
पूर्णांक संख्या वह संख्या कहलाती है, जिसमें सभी धनात्मक संख्या, ऋणात्मक संख्याएं और शुन्य शामिल होता है। पूर्णांक को अँग्रेजी में Integer कहते हैं। Integer शब्द को लैटिन भाषा से लिया गया है, जिसका अर्थ संपूर्ण होता है।
संपूर्ण यानी कि पूर्णांकों में दशमलव नहीं लगाया जाता है और नहीं भिन्न के तरह लिखा जाता है, बल्कि पूर्ण अंक लिखे होते हैं।
पूर्णांकों की परिभाषा के अनुसार, पूर्णांक संख्या एक विशेष समूह है जिसमें शून्य, धनात्मक और ऋणात्मक संख्याएं होती हैं। किसी भी पूर्णांक संख्या का प्रतीक Z होता है।
पूर्णांक संख्या के उदाहरण बताने से पहले हम आपको यह बता दें, कि सभी प्राकृतिक संख्याएं पूर्णांक होती हैं जो 1 से शुरू होती है और अनंत पर खत्म होती है। साथ ही ऐसी पूर्ण संख्या को भी पूर्णांक कहा जाता है जो 0 से शुरू होकर अनंत पर खत्म होती है।
जैसे :- 1, 2, 3, 4, -3, -2, -1, 0 इत्यादि
पूर्णांक कितने प्रकार का होता है ?
पूर्णांक संख्याओं को मुख्य रूप से तीन भागों में विभाजित किया गया है :-
- उदासीन पूर्णांक
- धनात्मक पूर्णांक
- ऋणात्मक पूर्णांक
1. उदासीन पूर्णांक
उदासीन पूर्णांक वह संख्या होती है, जो नाही धनात्मक होती है और ना ही ऋण आत्मक। 0 को उदासीन पूर्णांक माना गया है।
2. धनात्मक पूर्णांक
धनात्मक पूर्णांक वह संख्या कहलाती है जो 0 से बड़ी होती है। धनात्मक पूर्णांक को प्राकृतिक संख्या कहां जाता है। वह संख्या जिसके आगे जोर का चिन्ह बना हो धनात्मक पूर्णांक संख्याएं कहलाती है। कभी-कभी धनात्मक पूर्णांक संख्याओं के आगे जोड़ का चिन्ह नहीं बना होता है।
धनात्मक पूर्णांक संख्या को गिनती संख्या भी कहते हैं। इन पूर्णांकों को Z+ द्वारा दर्शाया जाता है।
Z = 1,2,3,4….
3. ऋणात्मक पूर्णांक
ऋणात्मक पूर्णांक संख्या कहलाती है, जो 0 से छोटी होती है। साथ ही इन संख्याओं के आगे हमेशा ही घटाव (-) का चिन्ह बना होता है। इनके द्वारा ऋणात्मक पूर्णांक संख्या की पहचान होती
ऋणात्मक परिणाम को Z- से दर्शाया जाता है।
है। -Z = 1, – 2, – 3…..
पूर्णांक नियम क्या है ?
पूर्णांकों के संबंध में कुछ नियम बनाए गए हैं। पूर्णांक संक्रियाओं के विधि को जानने से पहले आपको कुछ बातों का ध्यान रखना होगा। जो कि नीचे दिए गए हैं :-
- यदि किसी संख्या के आगे कोई धनात्मक या ऋणात्मक चिन्ह नहीं लगा होता है तो वह संख्या धनात्मक कहलाती है। जैसे 5 का मतलब है +5
- किसी पूर्णांक का absolute value धनात्मक संख्या होती है। जैसे – |−2| = 2 और |2| =
पूर्णांक का योग नियम
इस नियम में दो या दो से अधिक पूर्णांकों को जोड़ने की प्रक्रिया बताई गई है। जब पूर्णांकों में सभी संख्याएं धनात्मक हो या उनमें से कोई और ऋणात्मक हो।
पूर्णांकों का योग के लिए कुछ विभिन्न नियम है :-
- जब दोनों पूर्णांकों के चिन्ह समान हो तब पूर्णांकों को निरपेक्ष मान जोड़ें और उत्तर में दिए गए पूर्णांक को सम्मान चिन्ह दे।
उदाहरण, 5+2 = 7
-6+(-4)= -10
- यदि कोई पूर्णांक संख्या धनात्मक हो और कोई पूर्णांक संख्या ऋणात्मक हो तो संख्याओं के निरपेक्ष मानव में अंतर ज्ञात करें। अंतर निकालने पर पाए गए उत्तर में वह चिन्ह लगाएं जो संख्या सबसे बड़ी हो।
उदाहरण के लिए, -5 +2= -3
5+6=11
पूर्णांकों के घटाव का नियम
इस नियम में दो या दो से अधिक पूर्णांकों के बीच अंतर निकालने की प्रक्रिया बताई गई है। जहां किसी पूर्णांक संख्या के धनात्मक या ऋणात्मक होने पर मान घट या बढ़ सकता है। पूर्णांकों के घटाव के लिए कुछ नियम है :-
- दो पूर्णांकों को घटाते समय घटाई जा रही संख्या के चिन्ह को बदल दे और दोनों पूर्णांकों को जोड़ दें।
उदाहरण, (-8) – (+4) = (-8) + (-4) = -12
- ऊपर दिए गए नियम के अनुसार दो पूर्णांकों को जोड़ते समय जोड़ी जा रही संख्या के चिन्ह को बदल दे और दोनों पूर्णांकों को घटा दो।
उदाहरण, (+8) – (+3) = (+8) + (-3) = +5
पूर्णांकों का गुणनफल
इसमें दो पूर्णांक संख्याओं को गुना करने का नियम बताया गया है।
- जब दोनों पूर्णांक संख्याओं के चिन्ह समान होते हैं तो उत्तर धनात्मक होता है।
- जब दोनों पूर्णांक संख्याओं में से एक चिन्ह ऋणात्मक और एक चिन्ह धनात्मक होता है तो उत्तर ऋणात्मक में आता है।
इसका उदाहरण आप नीचे दिए गए लिस्ट के माध्यम से समझ सकते हैं।
चिन्ह | उत्तर | उदाहरण |
(+) × (+) | + | 2 × 3 = 6 |
(+) × (-) | – | 2 × (-3) = -6 |
(-) × (+) | – | (-2) × 3 = -6 |
(-) × (-) | + | (-2) × (-3) = 6 |
पूर्णांकों का विभाजन
पूर्णांकों के विभाजन का मतलब यह है कि किसी पूर्णांक संख्या को किसी समूह में विभाजित करना।
यह नियम भी पूर्णांकों का गुणनफल के नियम के आधार पर ही काम करती है।
भाग का चिन्ह | उत्तर | उदाहरण |
(+) ÷ (+) | + | 15 ÷ 3 = 5 |
(+) ÷ (-) | – | 15 ÷ (-3) = -5 |
(-) ÷ (+) | – | (-15) ÷ 3 = -5 |
(-) ÷ (-) | + | (-15) ÷ (-3) = 5 |
पूर्णांकों के गुण क्या है ?
पूर्णांकों के कुछ मुख्य गुण इस प्रकार है :-
- योग के संवृत्त गुण
पूर्णांकों के योग के समृद्ध गुण के अनुसार जब दो पूर्णांक को जोड़ा जाता है या गुना किया जाता है तो उसके उत्तर में पूर्णांक संख्या ही प्राप्त होती है।
- क्रमचयी गुण
पूर्णांकों के ब्रह्मचारी गुण को क्रम विनिमय गुण भी कहा जाता है। इसके अनुसार जब दो पूर्णांक संख्याओं को किसी भी क्रम में जोड़ने पर उसका परिणाम समान ही रहता है।
- साहचर्य गुण
पूर्णांक के साहचर्य उनके अनुसार जब किसी तीन पूर्णांक संख्या को एक साथ जोड़ आया गुणा किया जाता है तो वह साहचर्य का पालन करती है।
- वितरण गुण
पूर्णांक के इस गुण के अनुसार यदि कोई तीन पूर्णांक संख्याओं को अलग अलग तरीके से जुड़ा या गुना किया जाता है तो उसका उत्तर समान ही आता है।
- योज्य प्रतिलोम गुण
इस गुण के अनुसार जब भी किसी दो पूर्णांक संख्याओं को अलग-अलग चिन्हों के साथ जोड़ा या घटाया जाता है तो उसका उत्तर जीरो ही प्राप्त होता है।
- गुणन प्रतिलोम गुण
पूर्णांक का यह प्रतिलोम गुण के अनुसार, यदि a एक पूर्णांक है तो, a x (1/a) = 1
पूर्णांकों का पहचान गुण
इस गुण के अनुसार यदि किसी एक पूर्णांक संख्या को 0 या 1 से घोड़ा किया जाता है या जोड़ा जाता है तो उसके उत्तर में वही पूर्णांक संख्या प्राप्त होती है।
- a+0 = a
- a x 1 = a
FAQ’S :
प्रश्न 1 -धनात्मक पूर्णांक किसे कहते हैं ?
उत्तर - धनात्मक पूर्णांक वह पूर्णांक होता है, जिस संख्या के आगे जोड़ का चिन्ह लगा होता है या कोई चिह्न नहीं लगा होता।
प्रश्न 2 – पूर्ण संख्या और पूर्णांक संख्या में अंतर
उत्तर - इसमें कोई अंतर नहीं है, बल्कि कोई पूर्णांक संख्या ही पूर्ण संख्या होती है।
प्रश्न 3 – क्या 0 एक पूर्णांक संख्या है ?
उत्तर - जी हां, 0 एक उदासीन पूर्णांक संख्या है। क्योंकि यह नाही धनात्मक होता है और ना ही ऋणात्मक होता है।
अंतिम विचार
आज के इस लेख में हमने आपको बताया, कि Purnank Sankhya Kise Kahate Hain ?
उम्मीद है, कि इस लेख के माध्यम से आपको पूर्ण संख्या के संबंध में संपूर्ण जानकारी मिल पाई होगी। इस लेख से अभी आप कोई प्रश्न पूछना चाहते हैं तो आप हमें कमेंट बॉक्स में बताएं।
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