महामृत्युंजय मंत्र का मतलब क्या होता है ?

Mahamrityunjay mantra meaning in hindi :- क्या आप भगवान शिव का सबसे पसंदीदा मंत्र यानी कि महामृत्युंजय मंत्र का अर्थ ( Mahamrityunjay mantra meaning in hindi ) जानते हैं ?

यदि नहीं तों इस लेख को अंत तक ध्यानपूर्वक पढ़ें, क्योंकि हम यहां महामृत्युंजय मंत्र से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी बताने वाले हैं।

यह एक ऐसा मंत्र है, जिसका यदि नियमित रूप से जाप किया जाए तो भगवान शिव प्रसन्न होते हैं और आपके जीवन से कई समस्याएं दूर कर देते हैं।

इस मंत्र का उल्लेख ऋग्वेद से लेकर यजुर्वेद तक में देखने को मिलता है। इन सबके अलावा शिव पुराण और अन्य ग्रंथों में भी महामृत्युंजय मंत्र के बारे में महत्व और उल्लेख किया गया है।

महामृत्युंजय मंत्र को त्र्यंबकम मंत्र के नाम से भी जाना जाता है तथा इसे मृत्यु पर विजय पाने वाला मंत्र भी कहते हैं। आइए बिना समय गंवाये महामृत्युंजय मंत्र का हिंदी अर्थ जानते हैं।


महामृत्युंजय मंत्र ( Mahamrityunjay Mantra Meaning In Hindi )

ॐ त्र्यम्बकं यजामहे

सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम् ।

उर्वारुकमिव बन्धनान्

मृत्योर्मुक्षीय मामृतात् ॥


महामृत्युंजय मंत्र का अर्थ

हम तीन नेत्रों वाले भगवान शिव जी की आराधना करते हैं जो हमारे हर स्वास्थ में जीवन शक्ति का संचार करते हैं, जो सुगंधित हैं और हमारा पोषण करते हैं, जिस तरह फल वृक्ष के शाखा के बंधन से मुक्त होता है वैसे ही हम भी मृत्यु और नश्वरता से मुक्त हो जाए।


महामृत्युंजय मंत्र का जाप कब और कैसे करना चाहिए ?

महामृत्युंजय मंत्र का जाप विशेष तौर पर सवेरे 4:00 बजे करना ज्यादा उचित माना जाता है, लेकिन यदि आप 4:00 बजे के बाद भी महामृत्युंजय जाप करते हैं तो कोई समस्या नहीं है। लेकिन ध्यान रहे दोपहर 12:00 बजे के बाद महामृत्युंजय मंत्र का जाप नहीं करना चाहिए।

सावन महीने में इस मंत्र का जाप करना ज्यादा कल्याणकारी माना जाता है और यदि आप सोमवार के दिन महामृत्युंजय मंत्र का जाप करना आरंभ करते हैं तब भी इसके विशेष फायदे देखने को मिलते हैं।

ध्यान रहे महामृत्युंजय मंत्र का जाप करने के लिए रुद्राक्ष की माला का प्रयोग करें और महामृत्युंजय मंत्र का जाप पूरा होने के बाद हवन करना ज्यादा उत्तम माना जाता है।

इस मंत्र का जाप किराया कम से कम 108 बार करना ही चाहिए। हालांकि आप चाहे तो 1100 या 11,000 बार भी इस मंत्र का जाप कर सकते हैं।


महामृत्युंजय मंत्र के फायदे

महामृत्युंजय मंत्र का जाप करने के कई अनगिनत फायदे देखने को मिलते हैं जैसे भूत प्रेत दोष मांगलिक दोष संतान बाधा आदि। नीचे महामृत्युंजय मंत्र के कुछ फायदे बता रहे हैं।

  • महामृत्युंजय मंत्र का जाप करने से व्यक्ति निडर बनता है तथा उनके सभी रोगों का नाश होता है। जैसा कि सब जानते हैं भगवान शिव को मृत्यु के देवता कहते हैं, इसी वजह से इस मंत्र का जाप करने से व्यक्ति निरोग हो जाता है।
  • इस मंत्र का जाप करने से यश की प्राप्ति होती है यानी कि मनुष्य को समाज में उच्च पदवी प्राप्त होता है। इसी वजह से प्रतिदिन महामृत्युंजय मंत्र का जाप करना चाहिए।
  • महामृत्युंजय मंत्र का नियमित रूप से जाप करने से मनुष्य की आयु में वृद्धि होती है, अकाल मृत्यु का भय समाप्त होता है। इसलिए नियमित रूप से इस मंत्र का जाप करना चाहिए।
  • यदि अधिक संपत्ति पाने की ख्वाहिश हो तो नियमित रुप से महामृत्युंजय मंत्र का पाठ अवश्य करना चाहिए। इस मंत्र का जाप करने से भगवान शिव प्रसन्न होते हैं और धन संपत्ति प्रदान करते हैं।
  • संतान की प्राप्ति यह मंत्र भगवान शिव को काफी प्रसन्न करता है, इसीलिए नियमित रूप से इसका जाप करने से भगवान शिव की कृपा दंपति जोड़ी पर हमेशा बनी रहती है और उनकी हर मनोकामना पूरी होती है।

निष्कर्ष :

उम्मीद करते हैं कि आज का यह लेख महामृत्युंजय मंत्र मीनिंग इन हिंदी ( Mahamrityunjay mantra meaning in hindi ) आपको अच्छी तरह से समझ आ गई होगी।

इस लेख में हमने आपको महामृत्युंजय मंत्र का अर्थ विस्तार पूर्वक बताया है और साथ ही साथ महामृत्युंजय मंत्र का जाप कब और कैसे करना चाहिए इसकी भी जानकारी दी है।

इन सबके अलावा महामृत्युंजय मंत्र के फायदे और इस मंत्र की उत्पत्ति कैसे हुई है, इसके बारे में भी हमने आपको यहां बताया है।

आशा करते हैं, आपको यह लेख पसंद आया होगा और इस लेख से आपको काफी कुछ नया सीखने को भी मिला होगा।

आपसे निवेदन है, कि इस लेख को जितना हो सके उतना शेयर करें ताकि भगवान शिव का सबसे पसंदीदा मंत्र, महामृत्युंजय मंत्र के बारे में उनके भक्तों को जानकारी हो और वह भी नियमित रूप से इस मंत्र का जाप करें।


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