Kriya Ke Kitne Bhed Hote Hain | क्रिया के कितने भेद होते हैं ?

Kriya Ke Kitne Bhed Hote Hain : हमारे दैनिक जीवन के बोलचाल में क्रिया एक महत्वपूर्ण विषय है, क्यूंकी इसके माध्यम से हम अपने कार्यों को समझाने या बताने में सक्षम हो पाते है।

हम किसी भी कार्य को तभी सही ढंग से समझा सकेंगे जब हमे क्रिया और क्रिया के भेदों के उपयोग के बारे में जानकारी हो। लेकिन आज भी कई विद्यार्थी क्रिया शब्द-भेद के बारे में नहीं जानते है।

कई बार क्रिया से संबंधित प्रश्न प्रतियोगी परीक्षाओं में भी पूछे जाते हैं। जैसे – क्रिया किसे कहते हैं ? Kriya Ke Kitne Bhed Hote Hain ? इत्यादि।

आज के इस लेख में हम आपको क्रिया से संबंधित विस्तार पूर्वक जानकारी देने का प्रयास करेंगे।


क्रिया किसे कहते हैं ? – Kriya Kise Kahate Hain

क्रिया को आसान भाषा में काम कहते हैं। इसके माध्यम से हम यह समझ सकते हैं, कि जब किसी वाक्य में कर्ता द्वारा कोई कार्य किया जाता है, तो वह क्रिया कहलाती है।

जिस वाक्य में किसी शब्द के कोई कार्य करने का बोध होता है तो उसे क्रिया कहते हैं ?

क्रिया की परिभाषा के अनुसार, “ किसी वाक्य में प्रयुक्त वह शब्द जिसके द्वारा किसी काम का करना या होना पाया जाता है उसे क्रिया कहते हैं ”।


क्रिया के उदाहरण

क्रिया शब्द का निर्माण धातु के द्वारा किया जाता है। सभी वाक्यों में उपयोग होने वाली क्रिया के अंत में “ना” शब्द जुड़ा होता है। यानी कि यदि आपको किसी वाक्य में क्रिया को पहचानना है तो आप उस शब्द को देख सकते है, जिसके अंत में ना शब्द जुड़ा हो।

अक्सर सभी क्रियाओं के अंत में “ना” शब्द नहीं जुड़ा होता है। परंतु कुछ क्रियाएं ऐसी होती हैं जिनके अंत में ना जुड़ा होता है। जैसे – खेलना, नाचना, देखना, जाना, रोना, इत्यादि

क्रिया के उदाहरण से संबंधित कुछ वाक्य इस प्रकार हैं –

  • विक्रम खेल रहा है।
  • मुझे क्लब जान है।
  • सीता को नाचना है।

क्रिया के कितने भेद होते हैं ? ( Kriya Ke Kitne Bhed Hote Hain )

क्रिया के भेदों को अलग-अलग आधार पर विभाजित किया गया है। यानी कि क्रिया के भेद कर्म के आधार पर और रचना के आधार पर बंटे हुए हैं। तो चलिए क्रिया के भेदों को विस्तार पूर्वक समझते हैं।

1. कर्म के आधार पर क्रिया के भेद

कर्म के आधार पर क्रिया के दो भेद होते हैं।

  1. सकर्मक क्रिया
  2. अकर्मक क्रिया

1. सकर्मक क्रिया

सकर्मक का शाब्दिक अर्थ “कर्म के साथ” होता है। जब क्रिया का प्रभाव वाक्य के कर्ता पर ना पड़कर कर्म पर पड़ता है तो वह सकर्मक क्रिया कहलाती है। इसे इंग्लिश में Tangible verb भी कहा जाता है।

सकर्मक क्रिया की पहचान कुछ इस प्रकार की जा सकती है कि जिस वाक्य में क्या, किसको इत्यादि का उत्तर मिलता है, वह क्रिया सकर्मक क्रिया कहलाती है।

उदाहरण, सीता खाना खा रही है।

उदाहरण के दिए गए वाक्य में क्रिया “खा रही है” है। हम इसमें यह पूछ सकते हैं कि सीता क्या खा रही है तो यहां पर हमें उत्तर मिलेगा कि सीता खाना खा रही है। इसलिए सीता द्वारा खाना खाने की यह क्रिया सकर्मक क्रिया है।

सकर्मक क्रिया के भी दो भेद होते हैं। एककर्मक क्रिया और द्विकर्मक क्रिया।

  1. एककर्मक क्रिया :- वह क्रिया होती है जिसमें हमें केवल क्या प्रश्न का उत्तर मिलता है। जैसे – राम सेब खाता है। इसमें हमें केवल क्या का उत्तर मिल रहा है, की राम क्या खाता है? तो यहां क्या का उत्तर सेव है।
  2. द्विकर्मक क्रिया वह क्रिया होती है जिसमें हमें 2 प्रश्नों का उत्तर मिलता है। यानी कि जिस वाक्य से हमें क्या और किसको दोनों प्रश्न का उत्तर मिले वह द्विकर्मक क्रिया कहलाती है।

जैसे- सीता ने गीता को पेन दिया। तो यहां हमें क्या और किसको दोनों का उत्तर मिला है। यानी कि उदाहरण में क्या का उत्तर पेन है और किसको का उत्तर गीता है।

2. अकर्मक क्रिया

यह सकर्मक क्रिया के विपरीत होता है। जिस तरह सकर्मक क्रिया में कर्म की आवश्यकता पड़ती है, उस तरह अकर्मक क्रिया में कर्म की आवश्यकता नहीं पड़ती। दूसरे शब्दों में ऐसा वाक्य जिसमे केवल कर्ता द्वारा की जा रही क्रिया का बोध होता है उसे अकर्मक क्रिया कहते हैं।

अकर्मक क्रिया को इंग्लिश में Intangible Verb कहा जाता है। अकर्मक क्रिया वाले वाक्य में हमें क्या और किसको का उत्तर नहीं मिलता।

उदाहरण के लिए :

  • मोहन सोता है।
  • सीता नाचती है।

ऊपर दिए गए दोनों ही वाक्यों में केवल कर्ता द्वारा किए जा रहे कार्य का बोध हो रहा है।

2. रचना के आधार पर क्रिया के भेद

रचना के आधार पर क्रिया के पांच भेद होते हैं।

1. प्रेरणार्थक क्रिया

जिस वाक्य में कर्ता द्वारा काम ना करके किसी दूसरे व्यक्ति से कार्य करवाने का बोध होता है, वह प्रेरणार्थक क्रिया कहलाती है।

उदाहरण, रमेश श्याम का गृह कार्य कर रहा है।

2. नामधातु क्रिया

ऐसा वाक्य जिसमें क्रिया संज्ञा विशेषण के साथ जुड़ी होती है वह नामधातु क्रिया कहलाती है।

उदाहरण, राम ने सलीम को हंसाया।

3. संयुक्त क्रिया

जिस वाक्य में दो क्रियाओं से मिलकर एक क्रिया बनती है, वह संयुक्त क्रिया कहलाती है। इन दोनों क्रियाओं में पहली क्रिया मुख्य होती है और दूसरी क्रिया द्वितीयक होती है।

उदाहरण, तुम पहाड़ पर चढ़ सकते हो।

यहां पर चढ़ना और सकना (सकते) दोनों ही क्रिया है।

4. सामान्य क्रिया

जिस वाक्य में केवल एक ही क्रिया का बोध हो वह सामान्य क्रिया कहलाती है।

उदाहरण, सोहन नहाओ, तुम पढ़ो, इत्यादि।

5. पूर्वकालीन क्रिया

जिस वाक्य में कर्ता द्वारा किसी एक क्रिया करने के बाद दूसरी क्रिया शुरू कर दी जाती है तो उसे पूर्वकालीन क्रिया कहते है।

उदाहरण, मोहन ने पढ़ने के बाद खाना खाया।


FAQ’S :

प्रश्न 1सकर्मक क्रिया के कितने भेद होते हैं ?

उत्तर – सकर्मक क्रिया के 2 भेद होते है।

प्रश्न 2संयुक्त क्रिया क्या होती है ?

उत्तर – जब दो क्रिया मिलकर किसी कार्य को पूर्ण करती है तो उसे संयुक्त क्रिया कहते है।

प्रश्न 3मोहन सोता है इसमें कौन सी क्रिया है ?

उत्तर – इसमे सोता क्रिया है।

अंतिम विचार

आज के इस लेख में हमने आपको बताया की Kriya Ke Kitne Bhed Hote Hain ?

उम्मीद है, कि इस लेख के माध्यम से आपको क्रिया और क्रिया के भेद से संबंधित सभी जानकारियां मिल पायी होंगी। यदि आपको इस लेख से संबंधित कोई प्रश्न है तो आप हमें कमेंट में बताएं।


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