हिंदी भाषा की लिपि क्या हैं ? | Hindi Bhasha Ki Lipi Kya Hai

Hindi Bhasha Ki Lipi Kya Hai : जैसा कि आप जानते हैं, की हिंदी भाषा हमारी मातृभाषा है और लगभग पूरे भारत में हिंदी भाषा का उपयोग लिखते समय और बोलते समय किया जाता है पर क्या आप जानते हैं, कि हिंदी भाषा की एक लिपि है ? जिसके आधार पर हिन्दी भाषा को लिखा जाता है।

जी हां, हिंदी भाषा की लिपि भी होती है। यदि आपको नहीं पता है, कि हिंदी भाषा की लिपि क्या हैं ? तो आप हमारे इस लेख को अंत तक जरूर पढ़ें।


लिपि किसे कहते हैं ? – Lipi Kise Kahate Hain

किसी भाषा को लिखने के लिए इस्तेमाल किए गए चिन्हों को लिपि कहा जाता है। दुनिया में जितने भी भाषाएं हैं उन भाषाओं को लिखने के लिए अलग अलग लिपि बनाई गई है।

किसी भी भाषा में ध्वनियों को लिखने के लिए जिन चिन्हों को उपयोग में लाया जाता है उन्हें लिपि कहते हैं।

उदाहरण के लिए, हिंदी भाषा में “अ से लेकर ज्ञ” तक सभी ध्वनियां लिपि है और हिंदी भाषा में जितने भी मात्राओं का उपयोग किया जाता है वह सभी भी एक लिपि कहलाते हैं।


भाषा और लिपि में क्या अंतर है ?

अक्सर लोग भाषा और लिपि में अंतर नहीं समझ पाते हैं। तो हम आपको बता दें कि भाषा वह होती है जिसके माध्यम से हम अपने विचारों या भावों को प्रकट करते हैं और अपनी बात को किसी अन्य व्यक्तियों के सामने रख पाने में सक्षम होते हैं।

इसके विपरीत भाषा को लिखते समय जो चिन्हों का उपयोग किया जाता है वह लिपि कहलाता है।


हिंदी भाषा की लिपि क्या है ? – Hindi Bhasha Ki Lipi Kya Hai

हिंदी भाषा की लिपि देवनागरी लिपि है। देवनागरी लिपि को नागरी लिपि भी कहा जाता है।  देवनागरी लिपि का उपयोग कुछ अन्य भाषाओं को लिखने के लिए भी किया जाता है। जैसे – संस्कृत, पाली, मराठी, कोंकणी, कश्मीरी, नेपाली, भोजपुरी, मैथिली इत्यादि।

देवनागरी लिपि का उपयोग कुल 120 भाषाओं से भी ज्यादा भाषाओं को लिखने के लिए किया जा रहा है। यह भारत में सबसे ज्यादा अपनाई जाने वाली लिपि है और दुनिया में यह लिपि चौथे स्थान पर है।


देवनागरी लिपि किसे कहते हैं ?

देवनागरी लिपि बाएं से दाएं लिखी जाने वाली लिपि है जिसमें प्रत्येक अक्षर, ध्वनियों एवं मात्राओं के ऊपर एक सीधी रेखा खींची जाती है। भारत में ऐसी कई लिपियाँ हैं जो देवनागरी लिपि से मिलती है।

जैसे – गुजराती, बांग्ला, गुरमुखी इत्यादि।

ब्राह्मी लिपि से ही देवनागरी लिपि का विकास हुआ है। देवनागरी लिपि में 14 स्वर 35 व्यंजन और 47 प्राथमिक वर्ण होते हैं। देवनागरी लिपि के सभी चिन्हों को ज्यों का त्यों लिखा जा सकता है और उसे हूबहू लिखा हुआ पढ़ा जा सकता है। जबकि कई अन्य लिपियों में यह संभव नहीं है।


देवनागरी लिपि का विकास कैसे और कहां हुआ ?

जैसा कि हमने आपको बताया देवनागरी लिपि का विकास ब्राम्ही लिपि से हुआ है, इसलिए देवनागरी लिपि का जनक भी ब्राम्ही लिपि को माना जाता है। इसका उपयोग प्राचीन समय में वैदिक आर्यों द्वारा किया जाता था।

देवनागरी लिपि के साक्ष्य पहली शताब्दी से ही दिखने शुरू हो गए थे। यानी कि इससे सिद्ध होता है कि देवनागरी लिपि का उपयोग प्रथम शताब्दी से ही शुरु हो चुका था।

इसके बाद सातवीं शताब्दी से देवनागरी लिपि का उपयोग नियमित रूप से किया जाने लगा और 1000 ईसवी तक इस लिपि का पूर्ण विकास हो गया।


देवनागरी लिपि का नाम देवनागरी कैसे पड़ा ?

देवनागरी लिपि को नागरी भी कहा जाता है और इसके नाम में कई तरह की कहानियां प्रचलित हैं।

  • कई लोगों द्वारा बताया जाता है कि नागर शब्द अपभ्रंश या गुजराती ब्राह्मणों से संबंधित है। पर इसका कोई मजबूत प्रमाण अभी तक नहीं मिल पाया है।
  • कई लोगों द्वारा यह कहा जाता है कि देवनागरी का प्राचीन नाम नंदीनगरी था, और बाद में इसका नाम बदलकर देवनागरी कर दिया गया।
  • कई विद्वानों द्वारा यह भी मत दिया जाता है कि पहले नागर लोग इस लिपि का इस्तेमाल करते थे इसलिए इसका नाम देवनागरी पड़ा।
  • कई लोगों का यह भी मानना है कि देवताओं की उपासना के समय कुछ सांकेतिक चिन्ह के रूप में त्रिकोण, चक्र इत्यादि का उपयोग किया जाता है जिसे देवनागर कहते हैं। इसके कारण इस लिपि का नाम देवनागरी पड़ा।

देवनागरी लिपि के गुण क्या है ?

देवनागरी लिपि के कुछ गुण निम्नलिखित हैं।

  1. जितने भी भाषाओं के लिए देवनागरी लिपि का उपयोग किया जाता है उस भाषा के लिए देवनागरी लिपि में दिए गए अक्षर बिल्कुल पूर्ण है।
  2. देवनागरी लिपि को जैसा लिखा जाता है वैसा ही पढ़ा जाता है और बोला जाता है।
  3. देवनागरी लिपि को बाएं से दाएं लिखा जाता है।
  4. इस लिपि के सभी वर्णों पर एक सीधी रेखा खींची जाती है जिसे शिरोरेखा कहते हैं।
  5. देवनागरी लिपि की यह एक अद्भुत विशेषता है कि किसी भी काव्य के लिखित रूप में मात्राओं को देखकर और उनके क्रम संख्या को गिनकर यह बताया जा सकता है कि इस पद में कौन सा छंद है।
  6. इस लिपि के चिन्हों के नाम में और ध्वनि में कोई अंतर नहीं होता।
  7. देवनागरी लिपि में कैपिटल लेटर और स्मॉल लेटर का उपयोग नहीं होता, जिसके कारण इसको लिखते समय कोई भी संदेह पैदा नहीं होता।

देवनागरी लिपि का उपयोग करने वाली भाषाएं कौन सी है ?
  • अवधी
  • कनौजी
  • कश्मीरी
  • कांगड़ी
  • किन्नौरी
  • कुड़माली
  • कुमाऊँनी
  • कोंकणी
  • कोया
  • खानदेशी
  • खालिङ
  • खड़िया
  • गढ़वाली
  • गुर्जरी
  • गुरुङ
  • गोण्डी
  • चम्बयाली
  • चाम्लिङ
  • चुराही
  • चेपाङ भाषा
  • छत्तिसगढ़ी
  • छिन्ताङ
  • जिरेल
  • जुम्ली
  • तिलुङ
  • वारली
  • वासवी
  • वागडी
  • वाम्बुले
  • हिन्दी
  • संस्कृत
  • मराठी
  • नेपाली

FAQ’S

प्रश्न 1हिंदी में कितने लिपि हैं ?

उत्तर - हिंदी में केवल एक ही लिपि देवनागरी लिपि का उपयोग किया जाता है।

प्रश्न 2देवनागरी लिपि में स्वर कितने हैं ?

उत्तर - देवनागरी लिपि में 14 स्वर हैं।

प्रश्न 3हिंदी लिपि कैसे काम करती है ?

उत्तर - हिंदी कोई लिपि नहीं है, बल्कि एक भाषा है जो कि देवनागरी लिपि के आधार पर कार्य करती है। इसे बाएं से दाएं लिखा जाता है।

प्रश्न 4कश्मीरी भाषा की लिपि कौन सी है ?

उत्तर - कश्मीरी भाषा में भी देवनागरी लिपि का उपयोग किया जाता है।

अंतिम विचार

आज के इस लेख में हम ने जाना, कि Hindi Bhasha Ki Lipi Kya Hai ?

उम्मीद है, कि इस लेख के माध्यम से आपको देवनागरी लिपि और हिंदी भाषा लिपि के बारे में संपूर्ण जानकारी मिल पाई होगी। इसके अलावा यदि आपके मन में कोई प्रश्न है तो आप हमें कमेंट में पूछ सकते हैं।


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